क्या आप जानते हैं आलू का जन्म कहा हुआ था आलू का जन्म भारत में नहीं हुआ था इसका जनम दक्षिणी अमेरिका की एडिज पर्वत श्रखला के पास टिटिकाका की झील के पास हुआ था जो समुन्द्र से लगभग 3800 मीटर ऊंचाई पर स्थित है भारत में आलू को बढ़ावा देने का सारा श्रेय वारेन हेस्टिंग्स को जाता है जो 1772 से लेकर 1785 तक भारत के गवनर जनरल रहे थे
आज के टाइम में आलू आज खाने का अहम हिस्सा बन चुका है आज के टाइम में कई सब्जियां आलू के बिना अधूरी है आलू के बिना किचन भी सुना सुना है जब आलू के भाव आसमान छूते है तब पूरे भारत में हगामा मच जाता है आपको यह जानकार हैरानी होगी की आज से 500 साल पहले इस आलू का कोई अस्तित्व ही नहीं था भारत में पहली बार जहांगीर के जमाने में आया था भारत में आलू यूरोपीय व्यापारी लेकर आए थे जिन्होंने आलू खूब प्रचार किया था
आलू का जन्म भारत में नहीं हुआ गई इसकी चर्चा हम कर चुके है इसका जनम दक्षिणी अमेरिका की एडिज पर्वत श्रखला के पास टिटिकाका की झील के पास हुआ
18 वी शताब्दी तक भारत में प्रचार हो चुका था उस वक्त आलू की सिर्फ तीन किस्में थी
पहली किस्म आलू की नाम फुलवा था जो मैदानी इलाकों में उगता था दूसरी किस्म का नाम गोला था क्यों कि वह गोल आकार का था और तीसरी किस्म साठा नाम था क्यो की उसको उगने में 60 दिन का टाइम लगता था
कैसे हुआ था आलू का जन्म ?
चोथी सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली खाद्य फसल है भारत में आने से पहले भी आलू की पैदावार की जाती थी युरोप के साथ साथ अमेरिका में भी आलू होता था उस समय रूस में आलू को शैतान का सेब कहा जाता था आज आलू सबसे जायदा चीन में होता हैं इसके बाद रूस और भारत का नबर आता है