हरियाणा में समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से सरसों की खरीद बंद

हरियाणा में समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से सरसों की खरीद बंद

सरसों की पैदावार में अग्रणी राज्य राजस्थान में भी सरसों की खरीद कछुआ की गति यानी बहुत धीमी धीमी हो रही है सरसों में गिरावट आने से किसानों को बहुत घाटा हो रहा है ऐसा प्रतीत होता है कि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने सरसों की घरेलू पैदावार 2021 व 22 सीजन के 119 लाख टन से बढ़कर 2022 व 23 के इस चालु सीजन में सरसों की पैदावार 128 लाख टन से भी उपर बैठने का अनुमान है अब तक के इतिहास में सरसों की पैदावार सम्पूर्ण भारत में सबसे ऊंचे लेवल पर पहुंचने का अनुमान लगाया है उसका गहरा मनोवैज्ञानिक असर घरेलू बाजारों में इसके भावों पर पड़ने लगा है सरसों पैदावार वाले सभी प्रमुख राज्यों में राजस्थान मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश हरियाणा तथा गुजरात आदि में सरसों का थोक भाव ज्यादातर मंडियों में घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आ गया है जिससे किसानों में भारी नुक्सान हो रहा है केन्द्रीय एजेंसी भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड) ने हरियाणा में न्यूनतम समर्थन भावों पर चल रही थी वह भी पिछले दो दिनों से रुक गई है एजेंसीयो ने यह नियम लागू कर रखा है कि किसी भी राज्य में तिलहन के कुल अनुमानित का ज्यादा से ज्यादा 25 प्रतिशत भाग ही समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा समझा जाता है कि हरियाणा में यह कोटा पूरा हो चुका है सरकारी खरीद बंद होने से हिसार बरवाला सिवानी भिवानी चरखी दादरी सिरसा सहित दुसरी मंडियों में अब भी भारी क्वांटिटी में सरसों की आमदनी सरकार के भरोसे पर मंडियों में पड़ी हुई है सरसों तेल एवं खल के भाव भी घटकर ऊपर के भावों से बहुत नीचे आ गये है इसलिए मिलर्स ऊंचे भाव पर सरसों की खरीद नहीं करना चाहते हैं इसके अलावा विदेशी बाजारों में खाने वाले तेलों का भाव टुटकर बहुत मंदा आ गया है जिससे भारत में आयात का पड़ता सस्ता बैठ रहा है और सरकार स्वदेशी उद्योग पर इस बात के लिए दबाव डाल रही है कि वह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आई गिरावट के अनुरूप अपने ब्रांड खाने वाले तेलों के अपने तेज खुदरा भाव (एमआरपी) में कटौती करे प्राकृतिक आपदाओं से फसल को हुए थोड़े बहुत नुकसान के चालू रबी सीजन में सरसों की घरेलू पैदावार पिछले साल से बहुत ही अच्छी होने की उम्मीद शाय़द सभी मिलरो और किसानों व जानकारों को लगने लग गई है पिछले साल सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन भाव 5050 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया था जबकि मंडी भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल से तेज चल रहे थे पिछले साल का माहौल को देखते हुए केन्द्र सरकार ने 2022 व 23 सीजन के लिए समर्थन मूल्य 400 रुपए बढ़ाकर 5450 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित कर दिया मगर विभिन्न कारणों से इसका थोक मंडी भाव घटकर 4500 से 5000 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया है 42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों के भाव में भी भारी गिरावट आई है जिससे किसान  निराश और हताश हुऐ बैठे हैं

Leave a Comment

मंडी भाव जानकारी 14 दिसंबर 2023 आज का ताजा नरमा और कपास का भाव पंजाब में आज के ताजा Diesel के भाव पंजाब में 14 Dec. 2023 के ताजा पेट्रोल के मूल्य आज का ताजा मंडी भाव जानकारी ग्वार,मूंग,मोठ, नरमा, कपास आदि फसलों का ताजा मंडी भाव जानकारी