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अक्सर आपने बुजुर्गों को कहते हुए सुना होगा #गांव_राम होता है साहब, बस्ती के लिए कोई भी काम असंभव नही है आज आपको एक ऐसी ही हकीकत से रूबरू करवाते है

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अक्सर आपने बुजुर्गों को कहते हुए सुना होगा #गांव_राम होता है साहब, बस्ती के लिए कोई भी काम असंभव नही है आज आपको एक ऐसी ही हकीकत से रूबरू करवाते है

गांव नेठराना,भादरा, जिला:- हनुमानगढ़ (राजस्थान) के ग्रामवासियों ने सब का मन जीत लिया व इंसानियत के लिए एक नई प्रेरणा और नया आदर्श प्रस्तुत किया है

गाँव की बेटी मीरा की ससुराल हरियाणा में है मीरा के पति की मौत हो चुकी हैं सिर्फ 2 बेटियां ही है, गांव में सगे पिता और भाई भी नही है, लेकिन अब उनकी बेटी यानी नेठराना गांव की भांजी की शादी थी तो रस्मे रिवाजें आज भी गांव में पूरी निभानी पड़ती है मीरा को भी अपने गांव में भात नौतने आना था लेकिन एक बिन भाई और बाप की बेटी जब भात नौतने आती है तो दिल मे सैंकड़ो सवाल और अंदर से टूटा हुआ महसूस करती है वो आंसू भरी आंखों से रुआंसा मन से अपने गांव पहुँची और अपने पिता जी की जर जर खण्डर हो चुकी कुटिया को तिलक लगाकर ग्रामीणों से मिलकर नम आंखों से वापस लौट गई, उन्होंने अपनी रस्म अदायगी का फर्ज निभाया लेकिन उम्मीद नही थी कि आज मीरा का भात भरने कोई #नरसी जैसा भक्त आएगा, लेकिन गांव में राम बस्ता है गांव में दया भाव करुणा और अपनी फर्ज अदायगी के लिये ततपरता दिखाने वाले आज भी है

मीरा के पिता जोगाराम जी और उनके स्वर्गीय भाई के बाद आज इस गांव के हर एक बाप मीरा में अपनी बेटी की तस्वीर देखने लगा हर एक भाई के दिल को मीरा के इस करुणामयी रुदन ने आंसू बहाने को मजबूर कर दिया पूरा गांव इमोशनल था किसी से मीरा का ये दुःख नही देखा जा रहा था मीरा तो चली गई लेकिन बहुत सारे फर्ज और सवालों के जबाब उम्मीदों के साथ बस्ती माता पर छोड़ गई

ग्रामवासियों ने चर्चा की और कहा मीरा की पौड़ी (घर) सुनी नही रहेगी मीरा के भात ये बस्ती भरेगी, मौत मीरा के पिता जोगाराम और उनके भाई की हुई है इस बस्ती की नही हुई है जब तक इस बस्ती में एक भी बच्चा जिंदा है तब तक इस गांव की बेटी उसकी बेटी है हर बहन उसकी बहन है

ग्रामीणों ने अपनी श्रद्धा अनुसार बहन के भात के लिए पैसे एकत्रित किये और 7 लाख रुपए का नगद , बान, कन्या दान और कपड़े सहित लगभग 10 लाख रुपए का भात भरा है

इस बात की चर्चा ना केवल राजस्थान और हरियाणा में बल्कि देश के अन्य प्रदेशो में भी है आज हैवानियत से भरी इस दुनिया मे इंसानियत से भरा हुआ एक गांव नेठाराना भी है हमे इनसे प्रेरणा लेकर इस मूल मंत्र पर काम करना चाहिए कि गांव की बेटी हमारी बेटी है गांव की बहन हमारी बहन है

नेठाराना की इस बस्ती के सामने मैं नतमस्तक हूँ सलाम आपकी एकता और आपकी सोच को,

दो वर्ष पूर्व हमने भी हमारे गांव में एक बहन की शादी सभी के सहयोग से करवाई थी तब भी बाकई मन को बहुत सुकून और तसल्ली मिलती है इसलिए प्लीज ऐसे कार्यो में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया करें

पुनः धन्यवाद बस्ती माता नेठाराना को इस हिकीक़त को लिखने समय कई बार आंखे नम हुई है पढ़ते समय आपके साथ भी जरूर ऐसा हो रहा होगा

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